2025 का सूर्यग्रहण…
क्या होगी टाइमिंग, कब लगेगा सूतक? जानें पूरी ख़बर…!
सूर्यग्रहण: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा। साल 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर, रविवार को रात 10 बजकर 59 मिनट पर लगेगा। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो जब चंद्रमा, धरती और सूर्य के बीच से होकर गुजरता है, तो इस स्थिति में सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाती है इस खगोलीय घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।
21 सितंबर को इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। यह एक अद्भुत खगोलीय घटना है। रविवार को लगने वाला सूर्य ग्रहण एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इसका काफी ज्यादा वैज्ञानिक, ज्योतिष और धार्मिक महत्व होता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें, तो जब चंद्रमा, धरती और सूर्य के बीच से होकर गुजरता है, तो इस स्थिति में सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाती है इस खगोलीय घटना को ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।
कब शुरू होता है सूतक काल?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है। इस दौरान कई कामों पर मनाही होती है। हालांकि, 21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए सूतक काल नहीं लगेगा। लेकिन मान्यताओं के अनुसार, सावधानियां बरतनी चाहिए।
सूर्य ग्रहण के दौरान न करें ये काम
ग्रहण की धार्मिक मान्यता काफी है। ऐसे में सूर्य ग्रहण के दौरान कई ऐसे का है, जिसे करने बचा जाना चाहिए। जानकार बताते हैं कि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा से दूर रहें। साथ ही खाने-पीने से भी बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करके और पूजा-पाठ करके ही कोई काम शुरू करना चाहिए।
इस जगहों पर दिखेगा ग्रहण
यह ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा। खगोल विज्ञान के अनुसार सूर्य ग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। सूर्य की रोशनी कुछ समय के लिए बाधित हो जाती है।
सूर्य ग्रहण के दौरान जरूर करें ये काम
सूर्य ग्रहण को लेकर सनातन धर्म में विशेष मान्यता है। ऐसे में सूर्य ग्रहण के दौरान कई उपाय बताए गए हैं, जो सूर्य ग्रहण के समय करने चाहिए। सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए पवित्र नदी में स्नान करें। इसके बाद सूर्य देव की पूजा-अर्चना करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण के बाद इस उपाय को करने से सभी बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं।
सूतक के दौरान क्या न करें?
सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल की शुरुआत होती है। इस अवधि के दौरान पूजा-पाठ, शुभ और मांगलिक काम करने की मनाही है। ऐसा माना जाता है कि सूतक काल के दौरान प्रभु के नाम का जप करें। इसके अलावा भोजन का सेवन न करें। सूर्य ग्रहण के समापन के साथ ही सूतक समय खत्म होता है। हालांकि इस बार भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा।
सूर्य ग्रहण का होता है धार्मिक महत्व
भारत में सूर्य ग्रहण का काफी धार्मिक महत्व माना जाता है। रविवार को पितृ विसर्जनी अमावस्या के दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है। देश में न दिखने से सूतक काल नहीं होगा और धार्मिक कार्य अपने समयानुसार होंगे। ग्रहण आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा।
भारत में नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण
21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण ना दिखने के कारण सूतक भी नहीं लगेगा।
क्या है सूर्य ग्रहण की टाइमिंग
भारतीय समायनुसार इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण रात 10:59 से शुरू होगा और 22 सितंबर 3.23 बजे समाप्त होगा। रात्रि के 1.11 पर सूर्य ग्रहण अपने चरण पर होगा।
कहां देखा जाएगा सूर्य ग्रहण?
जानकारी के अनुसार, मुख्य रूप से गोलार्ध में दिखाई देगा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फिजी में सूर्य ग्रहण को देखा जा सकेगा।
कल लगेगा साल का आखिर सूर्य ग्रहण
21 सितंबर को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। हालांकि, भारत में इसको नहीं देखा जा सकेगा। चूंकि भारत में इसको नहीं देखा जाएगा इस कारण इसका कोई धार्मिक या ज्योतिषीय प्रभाव भी नहीं माने जाएंगे। ऐसे में सूतक भी नहीं लगेगा।
