समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार, 8 अक्टूबर को पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान से मुलाकात की आजम खान पिछली 23 सितंबर को जेल से जमानत पर रिहा हुए, रिहा होने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है। सियासी गलियारों में पिछले कई दिनों से इस मुलाकात की अटकलें बहुत ही तेज़ी से फैल रही थी, बहुत से ऐसे बयान आये जिससे अखिलेश और आज़म के राजनीतिक रिश्ते पर प्रश्न उठने शुरू हो गए थे, अटकलों के इस बाजार को बुधवार 8 अक्टूबर,2025 को विराम लग ही गया।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार, 8 अक्टूबर को पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान से मुलाकात की। आजम खान पिछली 23 सितंबर को जेल से जमानत पर रिहा हुए, रिहा होने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अखिलेश का रामपुर दौरा सफल रहा है। अखिलेश ने आजम से अकेले में मुलाकात की। दावा है कि आजम खान, आने वाले वक्तों में सपा के मंच पर नजर आ सकते हैं।
बता दें सपा प्रमुख विमान से लखनऊ से बरेली पहुंचे। उसके बाद हेलीकाप्टर से रामपुर रवाना हुए। उनका हेलीकॉप्टर मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय परिसर में उतरा, जहां आजम खान ने उनकी अगवानी की। उसके बाद खान उन्हें अपने घर ले गए। अखिलेश यादव अकेले आजम खान के घर पहुंचे। आजम खान को सपा का मुस्लिम चेहरा माना जाता रहा है। वह डकैती और चोरी समेत विभिन्न आरोपों के 100 से अधिक मुकदमों में सीतापुर जेल में बंद थे। लगभग 23 महीने के बाद वह पिछली 23 सितंबर को जमानत पर जेल से रिहा हुए थे। उसके बाद से अखिलेश और आजम खान की यह पहली मुलाकात है।
क्या है अखिलेश की रणनीति?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात सपा के मुस्लिम वोट बैंक को एकजुट रखने की रणनीति का हिस्सा है। रामपुर, मुरादाबाद, और अमरोहा जैसे पश्चिमी यूपी के इलाकों में आजम खान की मजबूत पकड़ रही है।
आजम खान समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं और दिवंगत मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी नेताओं में गिने जाते थे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव की यह मुलाकात न केवल पुराने रिश्तों को फिर से मजबूत करने के साथ पार्टी में एकता का संदेश देने का भी प्रयास है। अखिलेश यादव और आजम खान की मुलाकात को 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

आजम खान और अखिलेश यादव एक साथ