अडानी ग्रुप आने वाले दिनों में बड़ा धमाका कर सकता है! सहारा की लगभग 88 संपत्तियो को कर सकता है अधिग्रहण।
6 सितंबर, 2025 को सहारा ने कोर्ट में पेश की एक टर्म शीट, जिसमें 88 से अधिक प्रॉपर्टीज़ एक ही मेगा डील में शामिल थीं।लखनऊ की प्रमुख संपत्तियाँ जो अब अदानी के कब्ज़े में आ सकती हैं:
हज़रतगंज का सहारा गंज मॉल
गोमतीनगर का 170 एकड़ सहारा सिटी
रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप की रियल एस्टेट कंपनी अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड सहारा ग्रुप की कई खास प्रॉपर्टीज को खरीदने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक सहारा अपनी प्रॉपर्टीज को टुकड़ों में बेचने के बजाय एक साथ बेच रहा है। इनमें वे प्रॉपर्टीज शामिल हैं जिन्हें सहारा का क्राउन ज्वेल्स कहा जाता है। इनमें महाराष्ट्र में 8810 एकड़ में फैली एंबी वैली सिटी और मुंबई एयरपोर्ट के पास स्थित सहारा स्टार होटल शामिल हैं। साथ ही कई राज्यों में फैली ग्रुप की प्रॉपर्टीज भी अडानी ग्रुप के हवाले की जा सकती हैं।
क्यों नहीं बिकी प्रॉपर्टी
रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी ग्रुप सहारा की प्रॉपर्टीज के खरीदने के लिए एकमुश्त पैसा दे सकता है। हालांकि यह डील आसान नहीं है क्योंकि सहारा ग्रुप के जुड़े कई मामले अदालत में चल रहे हैं। ग्रुप की कई कंपनियां मार्केट रेगुलेटर सेबी की जांच से गुजर रही हैं। सहारा ग्रुप को लाखों निवेशकों का पैसा वापस करना है, जो उन्होंने सहारा की योजनाओं में लगाया था। इस विवाद के कारण सहारा ग्रुप की कई प्रॉपर्टीज अटकी हुई हैं और उन्हें बेचना बहुत मुश्किल हो रहा है।
सहारा ग्रुप से जुड़े दस्तावेजों के मुताबिक सहारा ग्रुप ने पहले भी अपनी प्रॉपर्टीज को बेचने की कई कोशिशें की थीं, लेकिन उसके कामयाबी नहीं मिली। इसके पीछे कई कारण थे। पहला कारण यह था कि बाजार की हालत अच्छी नहीं थी और सहारा को अपनी संपत्तियों की अच्छी कीमत नहीं मिल रहे थी। दूसरी वजह यह थी कि उसे कोई भरोसेमंद और बड़ा खरीदार नहीं मिल रहा था, जो इतनी बड़ी प्रॉपर्टीज को खरीदने में दिलचस्पी दिखाए। तीसरा कारण यह था कि सहारा ग्रुप पर कई मुकदमे चल रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अडानी ग्रुप सहारा की कई प्रॉपर्टीज को एक साथ खरीदने की तैयारी में है। सहारा की कई कंपनियों कानूनी पचड़ों में फंसी हुई है।सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद अदानी समूह सहारा समूह की प्रमुख संपत्तियों का अधिग्रहण करने को तैयार है।
वही एक समय था जब लखनऊ में सहारा सिर्फ एक कंपनी नहीं, बल्कि एक साम्राज्य था। शहर की अर्थव्यवस्था, लोगों की नौकरी और जीवनशैली, सब कुछ सहारा की पहल पर निर्भर था। लक्ज़री अस्पताल, मॉल्स, रियल एस्टेट और आम आदमी की जीवनशैली में बदलाव—सहारा ने लखनऊ को बदलकर रख दिया।
अब, अदानी के कदम के साथ लखनऊ का एक युग समाप्त होने को है, और एक नया युग शुरू होने वाला है।


