लखनऊ SCR: शानदार सड़कें-पुल-फ्लाईओवर, मेट्रो से जुड़े 5 जिले, सस्ते घरों की भरमार; कुछ ऐसी है स्टेट कैपिटल रीजन की प्लानिंग – LUCKNOW बन रहा है
लखनऊ: यूपी की राजधानी अब आधुनिक और योजनाबद्ध महानगर के रूप में विकसित होने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है. लखनऊ स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) के लिए 380 पेज की विस्तृत विकास योजना तैयार की गई है. कंसल्टेंट ने इसे लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंप दिया है.
योजना का उद्देश्य लखनऊ और इसके आसपास के क्षेत्रों का विकास करना है. इसमें बुनियादी ढांचे, आवास, परिवहन, औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया गया है. यह योजना लखनऊ को देश के प्रमुख मेट्रो शहरों की श्रेणी में लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि कंसल्टेंट ने स्टेट कैपिटल रीजन के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है. उन्होंने बताया कि निकट भविष्य में 380 पेज की रिपोर्ट से 40 पेज का सिनॉप्सिस बनवाया जाएगा.
इस सिनॉप्सिस और स्टेट कैपिटल रीजन के लोगो का अनावरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे. लोगो डिजाइन के लिए भी एक प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य राजधानी क्षेत्र के लिए इस रिपोर्ट में अनेक महत्वपूर्ण सिफारिश हैं.
लखनऊ स्टेट कैपिटल रीजन क्या है?
लखनऊ स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) व्यापक क्षेत्रीय विकास परियोजना है, जो
लखनऊ शहर के साथ-साथ इसके आसपास के पांच जिलों उन्नाव, रायबरेली, हरदोई, सीतापुर और बाराबंकी के कुछ हिस्सों को शामिल करती है।
इस क्षेत्र को एकीकृत और योजनाबद्ध तरीके से विकसित करने का लक्ष्य है. लखनऊ और इसके आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन स्थापित किया जा सके. यह मॉडल दिल्ली-एनसीआर और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन जैसे क्षेत्रों से प्रेरित है।
प्लान की मुख्य विशेषताएं
- इस योजना में सड़कों, पुलों, और फ्लाईओवर के नेटवर्क को मजबूत करने पर जोर दिया गया है।
- मेट्रो रेल का विस्तार प्रस्तावित है, जो लखनऊ के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों को जोड़ेगा. इससे शहरी भीड़ कम होगी।
- स्मार्ट सिटी सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- किफायती आवास परियोजनाओं को प्राथमिकता दी गई है, ताकि बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा किया जा सके।
- स्लम क्षेत्रों के पुनर्विकास और अवैध निर्माण को रोकने के लिए सख्त नीतियां प्रस्तावित हैं।
- नए टाउनशिप और सैटेलाइट शहरों का विकास भी योजना का हिस्सा है।
- SCR में नए औद्योगिक क्षेत्र और विशेष आर्थिक जोन (SEZ) स्थापित करने का प्रस्ताव है।
- छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को बढ़ावा देने के लिए विशेष सुविधाएं और प्रोत्साहन शामिल किए गए हैं।
- रोजगार सृजन के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर और स्टार्टअप हब की स्थापना की जाएगी।
- पर्यावरण संरक्षण के लिए हरित क्षेत्रों का विस्तार और वृक्षारोपण पर जोर दिया गया है।
- गोमती नदी और अन्य जल स्रोतों के संरक्षण के लिए जल प्रबंधन योजनाएं शामिल हैं।
- सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने की योजना है।
- क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए रिंग रोड और हाईवे का विस्तार प्रस्तावित है।
- बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (BRTS) और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- लखनऊ हवाई अड्डे के विस्तार और मालवाहक परिवहन के लिए लॉजिस्टिक हब की स्थापना भी योजना का हिस्सा है।
LDA और राज्य सरकार की भूमिका: लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) 380 पेज की रिपोर्ट की विस्तृत समीक्षा करेगा. इस प्रक्रिया में विभिन्न हितधारकों, विशेषज्ञों और जनता से सुझाव लिए जाएंगे. समीक्षा के बाद LDA इस प्लान को लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से मंजूरी मांगेगा. सरकार की मंजूरी मिलने के बाद इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. इसमें केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी मिशन और अन्य योजनाओं का भी समन्वय किया जाएगा।
प्रस्तावित विधेयक के प्रमुख प्रावधान
राज्य सरकार द्वारा नोटीफिकेशन के माध्यम से स्टेट कैपिटलरीजन तथा अन्य रीजन्स का गठन किए जाने का प्राविधान है.
स्टेट कैपिटल रीजन तथा अन्य रीजन्स के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में रीजनल डेवलपमेंट अथाॅरिटी का गठन प्रस्तावित है. जिसमें मुख्य सचिव, उपाध्यक्ष, अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग पदेन सदस्य होंगे. इसके अतिरिक्त कार्यकारी समिति होगी. जिसके अध्यक्ष, रीजनल डेवलपमेंट अथाॅरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी होंगे.
रीजनल डेवलपमेंट अथाॅरिटी द्वारा क्षेत्र का रीजनल प्लान बनाया जाएगा तथा फंक्शनल प्लान, मास्टर प्लान, विकास योजना तथा प्रोजेक्ट प्लान बनाने के लिए अधीनस्थ अभिकरणों विभागों के साथ समन्वय, रीजनल प्लान के अनुसार इन्फास्ट्रक्चर प्लान का कियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा.
क्रियान्वयन के लिए शासकीय फंड अथवा अन्य माध्यम से आर्थिक संसाधन की व्यवस्था की जाएगी.
रीजनल डेवलपमेंट अथाॅरिटी द्वारा अधीनस्थ अभिकरणों से रीजनल प्लान तथा फंक्शनल प्लान के कियान्वयन से सम्बन्धित विवरण प्राप्त करने, परियोजनाओं को स्वीकृत करने तथा परियोजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करने तथा अधीनस्थ अभिकरणों को यथोचित निर्देश देने का अधिकार होगा.
रीजनल डेवलपमेंट अथाॅरिटी द्वारा रीजन के अन्तर्गत स्थित विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र की घोषणा, मास्टर प्लान की स्वीकृति संशोधन/पुनरीक्षण के सम्बन्ध में शासन की शक्तियों का उपयोग किया जाएगा.
कार्यकारी समिति द्वारा अथाॅरिटी के कार्यों में सहयोग, कार्मिकों की नियुक्ति अथाॅरिटी की परियोजनाओं तथा योजनाओं का नियोजन तथा स्वीकृति प्रदान करने आदि कार्य किए जाएंगे.
रीजनल प्लान की विषय वस्तु सर्वे एवं स्टडीज, रीजनल प्लान में संशोधन तथा पुनरीक्षण संबंधी प्राविधान. फक्शनल प्लान, प्रोजेक्ट प्लान, डेवलपमेंट स्कीम तथा प्रोजेक्ट प्लान बनाने के प्राविधान. फाइनेन्स, एकाउन्ट्स, आडिट बजट आदि सम्बन्धी प्राविधान. अथाॅरिटी द्वारा भूमि/भवन के अधिग्रहण एवं निस्तारण संबंधी प्राविधान।
राजधानी लखनऊ को एससीआरडीए का मुख्यालय बनाएं और नागरिकों की सुविधा के लिए अन्य जिलों में क्षेत्रीय कार्यालय खोलें. इस संबंध में विधेयक विधानसभा और विधान परिषद में लाया जाएगा. जिसके पास होने के बाद राज्य राजधानी क्षेत्र की व्यवस्था इन पांच जिलों में लागू हो जाएगी।





