उपराष्ट्रपति की दौड़: सुदर्शन बनाम राधाकृष्णन, इंडिया गठबंधन व एनडीए फिर आये आमने सामने, 9 सितम्बर को होगा फैसला

नई दिल्ली :- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को आगामी 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि हम विपक्ष से भी बात करेंगे। हमें उनका समर्थन भी मिलना चाहिए ताकि हम सब मिलकर उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्विरोध चुनाव सुनिश्चित कर सकें। इस दौरान पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उन्हें बधाई दी है। वहीं सीपी राधाकृष्णन ने भी दोनों नेताओं का शुक्रीया किया।

तो चलिए इन सबके बीच आपलोगों को बताते हैं कि इस चुनाव में किसका पलड़ा भारी है?

एनडीए या इंडिया? उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन पड़ेगा भारी?
बता दें कि भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर को होने जा रहा है। जिनका चुनाव लोकसभा और राज्यसभा, दोनों के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिनमें उच्च सदन के मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं। वर्तमान में, एनडीए का संख्यात्मक रूप से पलड़ा भारी है। दोनों सदनों की संयुक्त क्षमता 786 है, जिसमें 6 रिक्तियां शामिल हैं – 1 लोकसभा (बशीरहाट, पश्चिम बंगाल) में और 5 राज्यसभा से जिनमें चार जम्मू-कश्मीर से और एक पंजाब से, जहां आप सांसद संजीव अरोड़ा ने राज्य विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था।

 

 

 

 

 

 

 

 

आइये समझते है उपराष्ट्रपति पद के जीत की पूरी गणित

उपराष्ट्रपति पद के किसी उम्मीदवार को जीतने के लिए कम से कम 394 वोटों की जरूरत पड़ती है। एनडीए की स्थिति फिलहाल अच्छी है, क्योंकि वर्तमान में लोकसभा में 542 सदस्य हैं जिनमें 293 सांसद एनडीए के हैं और 240 सदस्यीय राज्यसभा (प्रभावी संख्या) में 129 सांसद एनडीए के हैं। जिनमें मनोनीत सदस्यों का समर्थन भी शामिल है।

सत्तारूढ़ गठबंधन के पास अनुमानित कुल 422 वोट हैं, जो आवश्यक बहुमत से कहीं अधिक है। संविधान के अनुच्छेद 68(2) के तहत, त्यागपत्र, मृत्यु, पद से हटाए जाने या किसी अन्य कारण से उपराष्ट्रपति के पद की रिक्ति को भरने के लिए चुनाव “यथाशीघ्र” कराया जाना चाहिए। निर्वाचित व्यक्ति पदभार ग्रहण करने के दिन से पूरे पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करता है।

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए शेड्यूल
उपराष्ट्रपति पद के लिए नामाकंन 21 अगस्त तक किया जा सकता है। नामांकन पत्र की जांच 22 अगस्त को की जाएगी। नामाकंन वापस लेने की तारीख 25 अगस्त है। 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग होगी। वोटिंग सुबह 10 बजे से शाम के 5 बजे तक होगी। 9 सितंबर के ही दिन काउंटिंग भी होगी और विजेता के नाम का ऐलान किया जाएगा।

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