नौ सीटों पर प्रचार खत्म, 20 को होगी वोटिंग, 23 नवंबर को आएंगे परिणाम
- लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुईं यूपी की नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का प्रचार अब खत्म हो गया है। दो दिन दिन यानी 20 नवंबर को सभी नौ विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे आए
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लोकसभा चुनाव के बाद खाली हुईं यूपी की नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव का प्रचार अब खत्म हो गया है। दो दिन दिन यानी 20 नवंबर को सभी नौ विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। हालांकि चुनाव में अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। विधानसभा सीटों की बात करें तो आठ सीटों पर मौजूदा विधायकों को लोकसभा सदस्य चुने जाने के कारण खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव सपा विधायक इरफान सोलंकी को अयोग्य ठहराए जाने के कारण कराया जा रहा है।
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बतादें कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सीट पर सपा ने कब्जा जमाया था, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर में जीत हासिल की थी। मीरापुर सीट राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के खाते में गई थी, जो अब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में भाजपा की सहयोगी है। कांग्रेस उपचुनाव नहीं लड़ रही है। उसने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) की सहयोगी सपा को समर्थन देने की घोषणा की है।
इन नौ सीटों पर होना है उपचुनाव
इस सीट पर विधायक साल 2022 के सामान्य निर्वाचन में लालजी वर्मा चुने गए थे। सपा के लालजी वर्मा इसी साल हुए लोकसभा के चुनाव में सांसद भी चुन लिए गए। सांसद चुने जाने के बाद लाल जी वर्मा ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया। इससे विधानसभा की सीट खाली हो गई। इसके चलते उपचुनाव हो रहा है। उपचुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से 15 अक्टूबर को अधिसूचना जारी की गई थी। इसके अनुसार निर्वाचन प्रक्रिया 18 अक्तूबर से शुरू हुई थी।
सपा की गढ़ कही जाने वाली करहल सीट से 2022 में अखिलेश यादव विधानसभा सदस्य चुने गए थे। कुछ दिन पहले हुए लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव को सांसद चुना गया तो उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद ये सीट खाली हो गई। यादव लैंड कही जाने वाली मैनपुरी की करहल सीट पर भाजपा कभी नहीं जीती है। ज्यादातर समय सपा के पास ही यह सीट रही है। इस बार सपा ने यादव परिवार के ही तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। भाजपा ने अभी प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया है। अखिलेश यादव से पहले 1985 से 1996 तक लगातार पांच बार बाबू लाल यादव यहां से विधायक बने। उनके बाद 2002 से 2017 तक लगातार चार बार सोबरन सिंह यादव विधायक चुने गए। दोनों ही मुलायम सिंह यादव के बेहद खास माने जाते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने भाजपा के एसपी सिंह बघेल को करीब 70 हजार वोटों से हराया था। अखिलेश यादव को 148,197 और एसपी सिंह बघेल को 80,692 वोट हासिल हुए थे। यहां से जीतने के बाद अखिलेश यादव विधानसभा में विपक्ष के नेता भी बने थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में कन्नौज से सांसद बनने के बाद उन्होंने करहल से इस्तीफा दे दिया था।