गोरखपुर में पशु तस्करों ने की छात्र की हत्या, एस पी घायल, बवाल-आगजनी; सीएम योगी बोले- दोषियों को बख्शेंगे नहीं

दरअसल, मामले की शुरुआत सोमवार रात साढ़े 11 बजे हुई। 10-12 पशु तस्कर दो गाड़ियों (पिकअप) से पिपराइच के मऊआचापी गांव पहुंचे। गांव के एंट्री पॉइंट पर ही दुर्गेश गुप्ता की फर्नीचर की दुकान थी। तस्करों ने जब सुनसान जगह देखी तो लूट के इरादे से दुकान का ताला तोड़ने लगे। उस वक्त दुकान के ऊपरी मंजिल में ट्रैवल का ऑफिस था। यहां दुर्गेश की बहन का लड़का सो रहा था।
शटर खड़खड़ाने की आवाज हुई तो वह उठ गया। उसने देखा तो नीचे 10-12 लोग खड़े थे। उसने तुरंत मामा दुर्गेश के बेटे दीपक को कॉल किया। दीपक ने शोर मचाया। वह तुरंत स्कूटी से दुकान की तरफ भागा। पीछे-पीछे 10-15 ग्रामीण भी वहां पहुंच गए। शोर शराबा सुनकर तस्कर भागने लगे, तभी उनका ग्रामीणों से आमना-सामना हो गया। तस्करों ने फायरिंग कर दी। दीपक सबसे आगे था, ऐसे में तस्करों ने उसको अपनी गाड़ी में खींचकर भर लिया।
- वहीं, ग्रामीणों ने भी एक तस्कर को पकड़ लिया। उसकी गाड़ी फूंक दी और पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। इसी दौरान पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने तस्कर को अपनी गिरफ्त में लेने की कोशिश की तो ग्रामीण एसपी से उलझ गए। पुलिस और ग्रामीणों मे झड़प हो गई। इसमें एसपी नॉर्थ जितेंद्र श्रीवास्तव और पिपराइच थाना प्रभारी घायल हो गए।
जैसे-तैसे पुलिस ने तस्कर को भीड़ से छुड़ाया और हॉस्पिटल में एडमिट कराया। एसपी और दरोगा को गंभीर चोट आई है। उधर, जिस तरफ तस्कर भागे थे, पुलिस ने उस दिशा में तलाश शुरू की। वहां करीब 4 किमी दूर दीपक का खून से लथपथ शव पड़ा हुआ था।
मंगलवार सुबह 7 बजे छात्र की हत्या की खबर फैलते ही गुस्साए लोगों ने गोरखपुर–पिपराइच रोड पर जाम लगा दिया। पुलिस ने लोगों को समझाने की कोशिश की तो पुलिस पर पथराव कर दिया। इससे वहां भगदड़ मच गई।
मामला सीएम योगी तक पहुंच गया। उन्होंने अफसरों को जल्द से जल्द मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए। कहा- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके बाद DIG शिवसिंपी चनप्पा और SSP राजकरण नय्यर घटनास्थल पर पहुंचे।
परिजनों से बात की। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इसके बाद परिजन धरना खत्म करने के लिए राजी हुए। करीब 5 घंटे रोड खुला। वहीं, छात्र के मां-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। मां ने कहा- बेटे के हत्यारों को जान से मार दिया जाए, तभी शांति मिलेगी।


